MS Technologies - Defender Jhatka Machine

Defender Jhatka machine

The History of Electric Fencing | Jhatka Machine Invention

झटका मशीन बिजली कि बाड़ का इतिहास

History of Electric Fencing-Zatka Machine
History of Electric Fencing

बिजली की बाड़ का उपयोग सौ से अधिक वर्षों से किया जा रहा है। पशुपालकों ने सबसे पहले बिजली की बाड़ का इस्तेमाल मवेशियों को अंदर रखने तथा कांटेदार तार के खतरों से अपने मवेशियों बचाने के लिए किये थे। बिजली की बाड़ के आविष्कार से पहले कांटेदार तार सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला मवेशी बाड़ था और यह कांटेदार तार जानवरों के लिए बेहद ही खतरनाक होते थे।

आज के दौर में व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली बिजली की बाड़ 1936-1937 में न्यूजीलैंड के आविष्कारक Alfred William Gallagher द्वारा बनाई गई थी। कार इग्निशन कंपलर कॉइल सेट से निर्मित यह दुनिया का पहला Zatka Machine था। उन्होंने अपने पालतू घोड़े से अपनी कार को बचाने के लिए इस डिवाइस का इस्तेमाल किया था। Gallagher ने बाद में डिजाइन में सुधार और व्यावसायिक उद्देश्या के लिए एक कंपनी शुरू की। इसके दो दशक बाद 1962 में, न्यूजीलैंड के एक अन्य आविष्कारक, Doug Phillips ने Capacitor Discharge पर आधारित गैर-शॉर्टेबल विद्युत बाड़ का आविष्कार किया। जिसके चलते बिजली की बाड़ का उपयोग कुछ सौ मीटर से 35 किमी (~20 मील) तक किया जा सकता था और बाड़ लगाने की लागत में 80% से अधिक की कमी आई। नॉन-शॉर्टेबल इलेक्ट्रिक फेंस का फिलिप्स द्वारा पेटेंट कराया गया था और 1964 तक "वाइकाटो इलेक्ट्रिक फेंस" नाम से न्यूजीलैंड की एक फर्म द्वारा निर्मित किया गया था। इस तरह से यह उपकरण धीरे-धीरे पूरे विस्व में प्रचालित हो गया। आज के समय में दुनिया के 165 देश अपनी फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं।

महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़  झटका मशीन कि  शुरुआत।

भारत में भी कई दशक पहले से ही इसकी शुरुआत चूका था, कुछ प्रदेशो को छोड़ कर बाकि जगह यह प्रचलित था। महाराष्ट्र में Zatka Machine की शुरुआत जंगली सुअरो तथा अन्य जंगली जानवरो के प्रकोप से अपने फसलों को बचाने के लिए किया गया था और 2010 के बाद महाराष्ट्र के किसानो के बिच में काफी लोकप्रिय हुआ छत्तीसगढ़ में भी यह 2012 के बाद झटका मशीन का प्रचलन शुरू हुआ।

झटका मशीन के द्वारा बिजली की फेंसिंग से जानवरो को एक क्षेत्र से बाहर रखने में उतनी ही कारगर है जितनी कि एक क्षेत्र के अंदर जानवरो  को रखने में। इस प्रकार की बाड़ के उपयोग से अक्सर मवेशियों और घोड़ों को रखे जाते थे, साथ ही यह प्रणाली मवेशियों को भी सुरक्षित रखने में बेहद कारगर होते है क्योंकि बिजली की बाड़ शिकारियों को बाहर रखती है। बहुत से लोग जो जानवरों को पालते हैं जिन पर अक्सर शिकारियों का हमला होता है, वे अपने जानवरों को सुरक्षित रखने के लिए बिजली की बाड़ का उपयोग करते हैं।

नोट:- सबसे पहला झटका मशीन 1936-1937 में न्यूजीलैंड के आविष्कारक Alfred William Gallagher द्वारा बनाई गई थी। 

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